Thursday, May 20, 2021

Essay on kumbh mela

Essay on kumbh mela

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The sea of humanity that the mela resembles is surreal and spiritual. When friends and well-wishers learnt that my wife and I were going to the Mahakumbh mela for Mauni Amavasya, they were aghast. Some shuddered at the prospect of rubbing shoulders with 30 million of the great unwashed. Others warned of how polluted and [ ] This holy festival is a congregation of God fearing people. When people attend this festival they seem to forget all distinctions of caste, creed, language or region. They become part of the universal soul. If anyone wants to see unity in diversity, there can be no better example than India’s Kumbh Mela. The Kumbh Mela has a mythical blogger.comted Reading Time: 5 mins Analysis Of Maha Kumbh Mela The Maha Kumbh Mela, which started in January in Allahabad, no longer has merely tottering stalls selling everyday products to pilgrims. It is also a place for companies manufacturing heavy equipments, construction and agricultural equipment manufacturer JCB India to peddle their wares priced at lakhs of rupees



Kumbh Mela - blogger.com



आज हमने इस आर्टिकल में कुंभ मेला पर निबंध कुंभ मेला पर निबंध Essay on Kumbh Mela in Hindi W लिखा है। जिसमें हमने कुंभ मेला क्या है, कुंभ मेला कब मनाया जाता है, कुंभ मेला क्यों मनाया जाता है, कुंभ मेला के प्रकार, कुंभ मेला पर 10 लाइन के बारे में बताया है।. कुंभ मेला एक आस्था का विशाल हिन्दू तीर्थ है। जिसमें हिंदू एक पवित्र नदी में स्नान करने के लिए इकट्ठा होते हैं। यहां पर हिंदू बड़ी संख्या में इकट्ठा होतें है।.


हर तीसरे वर्ष में 4 स्थानों में से एक पर आयोजित किया जाता है। यह चार स्थान हरिद्वार, इलाहाबाद प्रयागनासिक व उज्जैन है। इन चार स्थानों पर नदियां हैं हरिद्वार गंगाessay on kumbh mela, प्रयाग गंगा व यमुना संगमनासिक में गोदावरी और उज्जैन में शिप्रा हैं।.


ना केवल भारत के हिंदू बल्कि यहां आने वाले विदेशी पर्यटक भी, इस तीर्थ स्थान के मेले में इस समय शामिल होते हैं, और साधु संत जोकि भगवा वस्त्र पहनते हैं वह इस मेला में देखने को मिलते हैं।. खगोलीय घटनाओं के अनुसार यह मेला मकर संक्रांति के दिन प्रारंभ होता है। जब सूर्य और चंद्रमा वृश्चिक राशि में प्रवेश कर, और वृहस्पति मेष राशि में प्रवेश करता है। मकर संक्रांति के दिन होने वाले इस योग को कुंभ स्नान योग कहा जाता है। इस दिन को विशेष मंगलकारी माना जाता है।.


कोई सबूत नहीं है कि लोगों ने कुंभ मेला का आयोजन क्यों किया, कुंभ मेला के पीछे एक पौराणिक कथा है जो इस तरह है. ऋषि दुर्वासा के अभिशाप के कारण एक बार देवताओं ने अपने शक्ति खो दी, तब उन्होंने भगवान ब्रह्मा और भगवान शिव के पास गए और उन से विनती की तब भगवान ब्रह्मा और भगवान शिव ने विष्णु भगवान की प्रार्थना करने की सलाह दी, तब भगवान विष्णु ने फिर क्षीरसागर का मंथन करके अमृत निकालने की सलाह दी।.


भगवान विष्णु के ऐसा कहने पर संपूर्ण देवता दैत्यों के साथ संधि करके अमृत निकालने की यन्त में लग गए। सागर मंथन करने के लिए भंडारा पर्वत को इस्तेमाल किया गया था।. सबसे पहले मंथन में विश उत्पन्न ना हुआ जो कि भगवान शिव द्वारा ग्रहण किया गया। जैसे ही मंथन में अमृत दिखाई पड़ा, तो देवता, शैतानों के गलत इरादे समझ गए, देवताओं के इशारे पर इंद्र पुत्र देव कलश को लेकर आकाश में उड़ गया।. समझौते के अनुसार उनको उनका हिस्सा नहीं दिया गया तब राक्षस और देवताओं में 12 दिनों और 12 रातों तक युद्ध होता रहा। इस तरह लड़ते-लड़ते अमृत पात्र से अमृत चार अलग-अलग स्थानों पर गिर गया। इलाहाबाद प्रयागहरिद्वार, नासिक और उज्जैन।.


तब से यह माना गया कि, इन स्थानों पर रहस्यमय शक्तियां हैं, essay on kumbh mela, और इसीलिए इन स्थानों पर कुंभ का मेला लगता है। जैसे की हम कह सकते हैं देवताओं essay on kumbh mela लिए 12 दिन, मनुष्य के लिए 12 साल के बराबर हैं। इसीलिए इन पवित्र स्थानों पर प्रत्येक 12 वर्ष के बाद कुंभ का मेला लगता है।. भारत में पांच प्रकार के कुंभ मेला आयोजित किए जाते हैं जो निम्न है- महाकुंभ मेला, पूर्ण कुंभ मेला, अर्ध कुंभ मेला, कुंभ मेला, माघ कुंभ मेला।.


जिस प्रकार यह व्याह त्रिवेणी में, गंगा, यमुना, सरस्वती का संगम है, essay on kumbh mela, ठीक उसी प्रकार भी हमारे शरीर के अंदर एक ऐसा स्थान है।. जब उस स्थान विशेष essay on kumbh mela गुरु विद्या से हमारी चेतना जागृत हो जाती है तो हमारा अंतःकरण पवित्र शुद्ध शांत और निर्मल हो जाती है। अतः आज आवश्यक है के विहंगम योग के इस निर्मल ज्ञान से जुड़कर कुंभ के इस आध्यात्मिक अर्थ को अपने जीवन में चरितार्थ करके जिसके द्वारा एक मानव का संपूर्ण विकास संभव है।.


आशा करती हूं आपको हमारा यह आर्टिकल कुंभ मेला पर निबंध अच्छा लगा होगा यदि अच्छा लगा है तो हमें कमेंट करके बताइए आज हमारे साथ इसी तरह और भी जानकारी पाने के लिए जुड़े रहिए।.


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Essay on KUMBHA (कुंभ मेला)

, time: 15:58





10 Lines on Kumbh Mela for Children and Students


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Analysis Of Maha Kumbh Mela The Maha Kumbh Mela, which started in January in Allahabad, no longer has merely tottering stalls selling everyday products to pilgrims. It is also a place for companies manufacturing heavy equipments, construction and agricultural equipment manufacturer JCB India to peddle their wares priced at lakhs of rupees 1) Kumbh Mela is the sacred and collective gathering of devotees to take the holy bath in the River Ganga to wash their sins and attain salvation. 2) Kumbh Mela witnesses people from all walks of life including pilgrims, saints, sadhus, sadhvis, general public blogger.comted Reading Time: 5 mins The Kumbh Mela is a diverse pilgrimage of the Hindu faith. A ritual is something which occurs on the daily for many people. It can be religious, secular or just something which is done regularly. Rituals no matter what they are, create a connection to something which allows emotion for the adherant. This multimodal is solely focused on the Hindu pilgrimage, Kumbh Mela, the

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